आ चल इश्क़ हम खुल के करें आ चल इश्क़ हम खुल के करें
मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है , मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है ,
वेद, पुराण व शास्त्र ॐ है, संकट में ब्रह्मास्त्र ॐ है। वेद, पुराण व शास्त्र ॐ है, संकट में ब्रह्मास्त्र ॐ है।
मेरी माँ के रूप अनेक एक से बढ़कर एक हर छबि मनोहर।। मेरी माँ के रूप अनेक एक से बढ़कर एक हर छबि मनोहर।।
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।